शिक्षा संस्थानों में शोध कार्य को उपयोगी, गुणवत्तापूर्ण तथा विश्वस्तरीय बनाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, शिक्षाविदों, शोध निर्देशकों और वैज्ञानिकों को समवेत रूप से कुछ ऐसे उपाय खोजने होंगे, जिससे कि पुनरावृत्ति और नकल वाले विषयों तथा सामग्री पर रोक लगे, मौलिक चिंतन और नवाचार युक्त, समाज के लिए उपयोगी तथा समस्या उन्मूलक शोध का विकास हो. शोध समस्या से संबंधित आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सार्थक विषयों के चयन को प्राथमिकता प्राप्त हो. उच्च शिक्षा में शोध कार्य को प्रमुखता इसलिए भी दी गई कि उसके माध्यम से नवीन विचारों और नवअनुसंधानों को सामने लाया जा सके, जिससे समाज को एक नवीन दिशा और सार्थक शोध प्रयासों को बल मिले. शोध कार्य की व्यवस्था को और सुगम एवं प्रभावी बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जा सके.
उपरोक्त विचार जाने माने शिक्षाविद श्री एस.एस.सक्सेना ने महाराजा महाविद्यालय, उज्जैन में दिनांक 12 अक्टूबर, 2023 गुरुवार को आयोजित सेमिनार में व्यक्त किए. आपने “रिसर्च वर्क में गुणवत्ता” सुनिश्चित करने और उत्कृष्टता लाने के उपायों पर शोधार्थियों को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया. आपने शोध पंजीयन के लिए लिखित परीक्षा के साथ-साथ शोध रूपरेखा को नवीनता तथा शोध प्रविधि की दृष्टि से बारीकी से परखने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
इस अवसर पर डॉ. सीए वीरेंद्र कुमार लढा, चेयर मैन, श्री अनिल मालू, सचिव, डॉ चित्रांगद उपाध्याय कार्यकारी निदेशक, श्री शांतिलाल जैन, सीईओ सहित समस्त स्टॉफ सदस्य उपस्थित थे. कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ हुआ. अतिथि परिचय एवं स्वागत भाषण डॉ. सुरेखा जैन संस्था प्राचार्य ने किया.कार्यक्रम का संचालन डॉ अनुराधा सुपेकर और डॉ. मिताली बजाज ने किया एवं आभार डॉ. रेखा चोर्डिया ने माना.